Loan Moratorium: लोन की ईएमआई न चुका पाने की स्थिति में राहत दे सकता है लोन मोरेटोरियम, जानें इसके फायदे
लोन की ईएमआई न चुकाई जाए तो सिबिल स्कोर पर बुरा असर पड़ता है और भविष्य में लोन लेने में समस्या होती है. ऐसी स्थिति में लोन मोरेटोरियम आपके लिए मददगार हो सकता है.
लोन की ईएमआई न चुका पाने की स्थिति में राहत दे सकता है लोन मोरेटोरियम, जानें इसके फायदे
लोन की ईएमआई न चुका पाने की स्थिति में राहत दे सकता है लोन मोरेटोरियम, जानें इसके फायदे
सैलरी के जरिए एक व्यक्ति सिर्फ अपनी जरूरतों और जिम्मेदारियों को पूरा कर सकता है, बहुत बड़ी पूंजी नहीं जोड़ सकता. यही वजह है कि मकान जैसी बड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग लोन (Loan) का सहारा लेते हैं. इससे उनका काम भी बन जाता है और ईएमआई के जरिए उनका लोन भी धीरे-धीरे पूरा होता रहता है. लेकिन कई बार ऐसी स्थिति आती है, किराए के मकान में रहते हुए आपने नया फ्लैट या मकान बुक कराया. उसके लिए बैंक से लोन सैंक्शन भी करवा लिया, लेकिन आपको फ्लैट की पजेशन मिलने में अभी समय है. ऐसे में आप क्या करेंगे?
इस स्थिति में लोन लेने वाले पर मकान का किराया और ईएमआई दोनों का बोझ आ जाता है और दोनों को साथ दे पाना हर व्यक्ति के लिए मुमकिन नहीं होता. वहीं अगर तीन महीने तक लोन की ईएमआई न दी जाए तो बैंक लोन लेने वाले को डिफॉल्टर भी घोषित कर सकती है और ऐसे में उसके सिबिल स्कोर पर बुरा असर पड़ता है और भविष्य में लोन लेने में समस्या होती है. परेशान होने की जरूरत नहीं, इस स्थिति में आप लोन मोरेटोरियम (Loan Moratorium) की मदद ले सकते हैं. लोन मोरेटोरियम के जरिए आप बैंक से किस्त चुकाने के लिए कुछ समय की मोहलत मांग सकते हैं. यहां जानिए क्या होता है लोन मोरेटोरियम और ये कैसे आपके लिए राहतमंद हो सकता है.
लोन मोरेटोरियम होता क्या है
लोन मोरेटोरियम के लिए आपको बैंक में अप्लाई करना होता है. अगर आपके पास वाजिब वजह है, तो लोन मोरेटोरियम के जरिए आपको बैंक से थोड़े समय की मोहलत दे दी जाती है. इसमें व्यक्ति को एक निश्चित समय तक किस्त नहीं चुकानी पड़ती. इससे आर्थिक समस्या से जूझ रहे व्यक्ति को काफी राहत मिल जाती है.
छूट के पीरियड में भी ब्याज देना होता है
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लोन मोरेटोरियम के जरिए आपको किस्त चुकाने के लिए थोड़ा समय जरूर मिल जाता है, लेकिन इसमें आपकी ईएमआई माफ नहीं होती और न ही उस पर लगने वाले ब्याज में आपको किसी तरह की रियायत मिलती है. जिस पीरियड में आपको लोन की ईएमआई से छूट मिली है, उसमें भी आपको लोन पर लगने वाला ब्याज देना होता है. लोन की पूरी ईएमआई की तुलना में सिर्फ ब्याज का अमाउंट काफी कम होता है.
ये हैं इसके फायदे
तमाम लोगों को लगता है कि जब ब्याज देना ही है,तो आखिर लोन मोरेटोरियम का क्या फायदा है? तो फायदा ये है कि अगर आप सामान्य तौर पर ईएमआई स्किप करते हैं, तो ब्याज के साथ पेनाल्टी भी देनी होती है. साथ ही इससे आपका सिबिल स्कोर भी खराब होता है. लेकिन लोन मोरेटोरियम से आपको ईएमआई को कुछ समय तक रोकने की मोहलत बैंक की तरफ से मिलती है. ऐसे में आपके सिबिल स्कोर पर कोई असर नहीं पड़ता है.
कौन कर सकता है अप्लाई
अब बात आती है कि लोन मोरेटोरियम के लिए कौन-कौन अप्लाई कर सकता है, तो इसका जवाब है कि कोई भी व्यक्ति जिसने लोन लिया है और वो लोन चुकाने में असमर्थ है, उसकी वजह वाजिब है, तो वो कोई भी लोन मोरेटोरियम के लिए अप्लाई कर सकता है. लेकिन शर्त ये है कि मोरेटोरियम के जरिए मोहलत आप ईएमआई शुरू होने से पहले ही ले सकते हैं. ईएमआई शुरू होने के बाद में नहीं.
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11:45 AM IST